नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में यूपी के कई जिलो में हुए उपद्रव पर उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि प्रदेश के 11 जिलों में हुए उपद्रवों में कई स्वयंसेवी संगठन (एनजीओ) की भूमिका भी संदिग्ध पाई गई है।
उन्होंने कहा कि पीएफआई (पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया) के चंद कार्यकर्ताओं ने दिल्ली के जामिया, मेरठ और अन्य जगह पर सात-आठ लोगों ने प्रमुख भूमिका निभाई, ये चिह्नित कर लिए गए हैं। दोषियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा।
उपमुख्यमंत्री डॉ. शर्मा रविवार को आगरा में नागरिकता संशोधन कानून पर आयोजित जागरूकता संगोष्ठी में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि विपक्षी दल वोट के लिए इतने गिर गए हैं कि वो उपद्रवियों को संविधान रक्षक सम्मान से नवाजने की बात कह रहे हैं।
उन्होंने कहा कि पीएफआई में सिमी के कार्यकर्ता शामिल हैं। उर्दू, बंगाली और हिंदी में पर्चे बंटवाए गए। प्रदर्शनकारियों को पता ही नहीं चला कि उपद्रव के पीछे कितनी बड़ी साजिश है। सपा और कांग्रेस के नेताओं ने जिम्मेदार विपक्ष की भूमिका नहीं निभाई।